सुर संगम कला संस्थान
Sur Sangam Kala Sansthan
रजिस्ट्रेशन संo: 980/2010-11
भोजपुरी स्वच्छता अभियान
भोजपुरी भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए सुर संगम कला संस्थान (SSKS) द्वारा प्रारंभ किया गया भोजपुरी स्वच्छता अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है। भोजपुरी भाषा, जो कभी अपनी समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती थी, अब अश्लीलता और फूहड़ता से जूझ रही है। इस अभियान का उद्देश्य भोजपुरी भाषा को उसकी शुद्धता और सांस्कृतिक महत्व के साथ फिर से स्थापित करना है। इस प्रयास में न केवल अश्लीलता के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है, बल्कि इसे भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भी संघर्ष किया जा रहा है।
भोजपुरी स्वच्छता अभियान: उद्देश्य और योजना
1. नूतन नृत्य संगीत कला महाविद्यालय की स्थापना: सुर संगम कला संस्थान के तहत स्थापित नूतन नृत्य संगीत कला महाविद्यालय एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य शास्त्रीय और लोक संगीत के संरक्षण और प्रचार-प्रसार में योगदान देना है। इस महाविद्यालय में छात्रों को शास्त्रीय और लोक संगीत के विभिन्न पहलुओं की शिक्षा दी जाती है, जिससे वे न केवल अपनी कला को निखारते हैं बल्कि भोजपुरी संस्कृति को भी सहेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह महाविद्यालय छात्रों को शास्त्रीय संगीत, नृत्य, और लोक कला के माध्यम से भोजपुरी संस्कृति को गहराई से समझने और उस पर गर्व करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस पहल के तहत कई विद्यार्थियों को संगीत नाटक अकादमी से छात्रवृत्ति मिल रही है, जिससे उन्हें अपने शैक्षणिक और कलात्मक विकास के लिए आर्थिक सहायता भी प्राप्त हो रही है।
2. कार्यशालाएँ और प्रशिक्षण विद्यालय: भोजपुरी साहित्य, लोकगीत और नृत्य की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करने के लिए सुर संगम कला संस्थान ने विभिन्न कार्यशालाओं और प्रशिक्षण विद्यालयों की योजना बनाई है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उत्तर भारत के स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित किए जाते हैं, जहां भोजपुरी साहित्य और संस्कृति के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उसे सहेजने का कार्य किया जा रहा है।
3. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन: सुर संगम कला संस्थान भोजपुरी संस्कृति को संजोने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। संगीत, नृत्य, और नाटक के माध्यम से यह संस्था भोजपुरी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास कर रही है। इन कार्यक्रमों से लोगों के बीच भोजपुरी संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और संस्कृति को पुनः सजीव रूप में देखा जा रहा है।
4. भोजपुरी से जुड़े संसाधनों का संकलन: भोजपुरी भाषा और संस्कृति के अध्ययन और संरक्षण के लिए SSKS द्वारा एक विशेष पुस्तकालय और संसाधन केंद्र की स्थापना की गई है, जिसमें स्क्रिप्ट्स, डिजिटल तस्वीरें, ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग्स और फिल्में संग्रहित की जा रही हैं। यह संसाधन न केवल भोजपुरी संस्कृति के संरक्षण में मदद करेंगे, बल्कि शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी साबित होंगे।
5. भोजपुरी भाषा संरक्षण के लिए अनुसंधान एवं प्रकाशन निधि: भोजपुरी स्वच्छता अभियान के तहत अनुसंधान और प्रकाशन के लिए फंडिंग की भी व्यवस्था की गई है। यह निधि विशेष रूप से निम्नलिखित कार्यों के लिए है:
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भोजपुरी साहित्य और संस्कृति पर शोध: भोजपुरी साहित्य और लोक संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए फंडिंग प्रदान की जा रही है।
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शैक्षिक सामग्री का विकास: भोजपुरी साहित्य और संस्कृति पर आधारित शैक्षिक सामग्री, जैसे कि पाठ्य पुस्तकें, ऑडियो-वीडियो कंटेंट, आदि विकसित किए जा रहे हैं ताकि नई पीढ़ी को भोजपुरी की समृद्ध परंपराओं से अवगत कराया जा सके।
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जागरूकता अभियान: भोजपुरी भाषा और संस्कृति के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया, समाचार पत्र, और विभिन्न मंचों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
भोजपुरी स्वच्छता अभियान सुर संगम कला संस्थान के नेतृत्व में भोजपुरी भाषा और संस्कृति के पुनरुद्धार के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। नूतन नृत्य संगीत कला महाविद्यालय की स्थापना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से भोजपुरी संस्कृति को न केवल संरक्षण मिल रहा है, बल्कि यह नई पीढ़ी के बीच भी लोकप्रिय हो रही है। SSKS का यह अभियान आने वाले वर्षों में भोजपुरी भाषा और संस्कृति को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में सफल होगा।